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Showing posts from July, 2009

त्रिवेणियाँ

#################################################################### चाहे अल्फाजो से तराशते रहे बरसो कितनी भी दफा चोट करो सोचों से पर कुछ एहसास कभी शक्ल नहीं ले पाते!! ######################################### बड़ी देर समझाते रहे हम दिल को बड़ी देर दिल हमे समझाता रहा इल्म ही ना हुआ कैसे ज़िन्दगी गुजर गयी !!! ######################################### आरजू थी की एक रोज़ आपसे फुर्सत में यूँ मिलें चंद दास्ताँ कहे अपनी,चंद दास्ताँ सुनें कभी बताया नहीं आपने, फुर्सत से आपका हेड-टेल वाला रिश्ता है !!! ######################################### मेरे खयालो से तेरे घर का रास्ता मुझे पहचान गया है भटक भी जाता हूँ तो रास्ता खुदबखुद मुड़ जाता हैं यू ही नहीं , फासले तय करने में अब मज़ा आने लगा है!!! ######################################### उलझ पड़े हैं दो ख़याल आ़ज भी शक्ल एक सी है, इरारदे जुदा हैं फिर आज जो ग